श्री राम जन्मभूमि मंदिर-श्री रामलला की पावन स्थली

श्री राम जन्मभूमि मंदिर: श्री रामलला की पावन स्थली

भारत के अयोध्या नगरी में स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर भारतीय इतिहास, संस्कृति, और धार्मिक विश्वास का प्रतीक है। यह मंदिर भगवान श्री राम की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है, जो सनातन धर्म के महानायक और आदर्श पुरुष माने जाते हैं। इस मंदिर की पवित्रता और महत्ता केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी गहरी है।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली

श्री राम जन्मभूमि का ऐतिहासिक महत्व

अयोध्या नगरी का उल्लेख हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों, जैसे कि रामायण और पुराणों में मिलता है। यह नगरी सरयू नदी के तट पर स्थित है और इसे भगवान विष्णु के अवतार, श्री राम की जन्मस्थली के रूप में माना जाता है।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, अयोध्या को एक आदर्श राज्य कहा गया है, जहां भगवान राम ने ‘रामराज्य’ की स्थापना की थी।

 

श्री रामलला का इतिहास

श्री रामलला का अभिषेक जन्मभूमि पर ही हुआ था।

  1. भगवान राम का जन्म त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ और महारानी कौशल्या के यहां हुआ।
  2. यह स्थान हिंदू धर्म में सर्वोच्च श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है।
  3. पुरातात्त्विक और धार्मिक तथ्यों के अनुसार, यह वही स्थान है जहां भगवान राम ने अपना बाल्यकाल व्यतीत किया था।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली

 

राम जन्मभूमि का संघर्ष

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का इतिहास संघर्ष और विवादों से भरा हुआ है।

  1. 16वीं शताब्दी में, मुगल शासक बाबर के आदेश पर राम जन्मभूमि पर एक मस्जिद बनाई गई, जिसे “बाबरी मस्जिद” के नाम से जाना गया।
  2. इसके बाद से यह स्थान हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद का कारण बना रहा।
  3. वर्षों तक चले इस विवाद ने कई सामाजिक, धार्मिक, और राजनीतिक मुद्दों को जन्म दिया।

राम जन्मभूमि आंदोलन

यह आंदोलन हिंदू समुदाय के लिए आस्था और सम्मान का प्रश्न बन गया।

  1. 1980 और 1990 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन ने जोर पकड़ा।
  2. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को कारसेवकों द्वारा ढहा दिया गया, जिसके बाद देशभर में सांप्रदायिक हिंसा हुई।

    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

    नवंबर 2019 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

    1. अदालत ने राम जन्मभूमि को हिंदू पक्ष को सौंपते हुए यहां मंदिर निर्माण की अनुमति दी।
    2. मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की गई।
    3. इस फैसले ने वर्षों से चले आ रहे विवाद को समाप्त किया।

 

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ।

  1. मंदिर का डिज़ाइन भव्य और पारंपरिक नागर शैली पर आधारित है।
  2. इसे शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा ने डिज़ाइन किया है।
  3. मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति और वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण होगा।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली

श्री रामलला की मूर्ति

मंदिर के गर्भगृह में श्री रामलला की दिव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी।

    1. यह मूर्ति भगवान राम को बाल स्वरूप में दर्शाएगी।
    2. श्री रामलला की मूर्ति को दिव्यता और आस्था का प्रतीक माना जाएगा।

      1. मंदिर की विशेषताएं

        1. भव्यता और विशालता:
          मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें तीन मंजिलें होंगी।
        2. गर्भगृह:
          गर्भगृह में श्री रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
        3. पत्थर का उपयोग:
          मंदिर निर्माण में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया जा रहा है।
        4. परिक्रमा मार्ग:
          श्रद्धालुओं के लिए परिक्रमा मार्ग और सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया।

  1. यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
  2. ट्रस्ट में धार्मिक और सामाजिक नेताओं को शामिल किया गया है।

श्री राम जन्मभूमि की यात्रा

अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राम जन्मभूमि मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

  1. यहां आने वाले भक्त भगवान राम के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  2. रामनवमी और दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान यहां विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली

अयोध्या का सांस्कृतिक महत्व

अयोध्या केवल राम जन्मभूमि के लिए ही नहीं, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जानी जाती है।

  1. यहां कई मंदिर, घाट, और धार्मिक स्थलों का समूह है।
  2. सरयू नदी के किनारे श्रद्धालु स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली
श्री राम जन्मभूमि मंदिर श्री रामलला की पावन स्थली

रामराज्य की परिकल्पना

श्री राम केवल भगवान नहीं, बल्कि आदर्श शासक और मानवता के प्रतीक माने जाते हैं।

  1. उनकी शासन शैली ‘रामराज्य’ का आदर्श प्रस्तुत करती है।
  2. यह एक ऐसी व्यवस्था थी, जहां न्याय, शांति, और समानता का राज था।

निष्कर्ष

श्री राम जन्मभूमि मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, इतिहास, और आस्था का प्रतीक है। श्री रामलला की जन्मस्थली के रूप में यह स्थान हर भारतीय के लिए गर्व और श्रद्धा का केंद्र है।
इस मंदिर का निर्माण न केवल एक नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का प्रयास भी है।

READ MORE BLOG…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *